समस्तीपुर : खेत से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है…यह कहावत ज्योत्सना सिंह पर खूब जमती है. ज्योत्सना प्रगतिशील किसान हैं. खाली पड़ी जमीन से भी उन्होंने लाखों कमाने का तरकीब ढ़ूंढ निकाला. अब इससे हजारों नहीं लाखों कमाती हैं. उनका यह आइडिया काफी हिट रहा. इस कारण उन्हें 26 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया. बता दें कि ज्योत्सना 20 एकड़ में तालाब खुदवाकर मछली पालन कर रही हैं. वह समस्तीपुर जिला के शिवाजीनगर प्रखंड क्षेत्र की निवासी हैं.
ज्योत्सना सिंह ने बताया कि मेहनत और लगन से मत्स्य पालन क्षेत्र में यह मुकाम हासिल किया है. उन्होंने बताया कि जिनके पास कई ऐसी खेत थे जिसमें साल भर जल जमाव की स्थिति रहती थी. जिसमें फसल उपज ही नहीं सकती थी. फिर हमलोगों ने आपस में यह निर्णय लिया कि इसे तालाब में तब्दील कर दिया जाए, ताकि मछली पालन हो सके. फिर मछली पालन छोटे स्तर शुरू किया. मुनाफा अच्छा रहा और जिला मत्स्य पदाधिकारी का सहयोग मिला. फिर बड़े स्तर पर मछली पालन कर रहें है. मछली पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर 26 जनवरी 2024 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें दिल्ली में सम्मानित भी किया किया गया है. वर्तमान समय में 20 एकड़ से अधिक खेतों में तालाब खुदवा कर मछली कर रही हूं. इसकी शुरुआत 2018 से की थी.
ज्योत्सना सिहं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 26 जनवरी को हम लोगों को स्पेशल गेस्ट के रुप में दिल्ली बुलाया गया था. जहां उनको सम्मान पत्र दिया गया. लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए ज्योस्तना ने कहा कि वर्ष 2018 में मछली पालन की शुरुआत की थी. मछली पालन व मछली का जेवरा उत्पादन प्लांट बनाने में 25 लाख का खर्च आया था. जिसमें मत्स्य पालन विभाग द्वारा 60% का अनुदान उपलब्ध कराया गया था. वही बायोफ़्लॉक प्लांट तैयार करने में 14 लाख की खर्च आया था. जिसमें 50% मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुदान दिया गया था. वर्तमान में प्रतिवर्ष 15 लाख से अधिक रुपए का मुनाफा आसानी से होता है.
पति शिक्षक संतोष कमल ने कहा कि हमारी पत्नी की इच्छा हुई तो मैंने हामी भर दी. उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि पूरे बिहार से सात लोगों को विभाग द्वारा सम्मानित किया गया. जिसमें मेरी पत्नी का भी नाम शामिल था. मछली पालन के तौर तरीके के बारे में कहा कि अगर लोग मछली पालन का व्यवसाय करना चाहते हैं, तो उन्हें 6 फीट गहरा तालाब खुदवाना चाहिए. वहीं अगर बच्चा का उत्पादन करना या हैचरी खोलते हैं तो ट्राम की गहराई 3 फिट होना चाहिए. यहां से तालाब, नर्सरी, ब्रीडिंग पूल, हैचिंग पूल, ओवरहेड टैंक समेत सबमर्सिबल वस्टॉप को ठहरने के लिए रूम की व्यवस्था है.
जिला मत्स्य पदाधिकारी नियाजउद्दीन नेकहां की पूरे जिला से मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले में से तीन लोगों का नाम राज्यस्तर पर भेजा गया था. राज्य स्तरीय टीम द्वारा जांच पड़ताल कर कमल हैचरी के प्रोपराइटर ज्योत्सना सिंह को चयन कर उनका नाम नेशनल स्तर पर भेजा गया था. इसके बाद विभाग द्वारा उन्हें फ्लाइट का टिकट भी उपलब्ध कराया गया और उन्हें दिल्ली भेजा गया, जहां उन्हें सम्मानित भी किया गया है.