विदेश Archives - My Blog https://satyamevjayatenews.in/category/videsh/ My WordPress Blog Wed, 01 May 2024 03:47:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.1 https://i0.wp.com/satyamevjayatenews.in/wp-content/uploads/2017/11/cropped-logo.jpg?fit=32%2C32&ssl=1 विदेश Archives - My Blog https://satyamevjayatenews.in/category/videsh/ 32 32 230878696 अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस https://satyamevjayatenews.in/2024/05/01/international-labour-day/ https://satyamevjayatenews.in/2024/05/01/international-labour-day/#respond Wed, 01 May 2024 03:46:11 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5195 अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एक ऐसा दिन है जो दुनिया भर के श्रमिकों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह श्रमिकों के योगदान और उपलब्धियों का सम्मान करने के साथ-साथ कार्यस्थल में उनके अधिकारों और उचित व्यवहार की वकालत करने का दिन है। श्रम संबंधों के क्षेत्र में एक पेशेवर के...

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अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस एक ऐसा दिन है जो दुनिया भर के श्रमिकों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह श्रमिकों के योगदान और उपलब्धियों का सम्मान करने के साथ-साथ कार्यस्थल में उनके अधिकारों और उचित व्यवहार की वकालत करने का दिन है। श्रम संबंधों के क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में, मैंने प्रत्यक्ष रूप से उन संघर्षों को देखा है जिनका कई श्रमिकों को दैनिक आधार पर सामना करना पड़ता है।

अनुचित वेतन से लेकर असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों तक, श्रमिक अक्सर खुद को ऐसी स्थितियों में पाते हैं जहां उनके साथ उस सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार नहीं किया जाता जिसके वे हकदार हैं। यही कारण है कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस इतना महत्वपूर्ण है – यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि हमें हर जगह श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ना जारी रखना चाहिए।

एक श्रमिक संबंध पेशेवर के रूप में अपनी भूमिका में, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करता हूं कि श्रमिकों के साथ उचित व्यवहार किया जा रहा है और उनकी आवाज सुनी जा रही है। इसका मतलब है श्रमिकों के लिए बेहतर वेतन और लाभ सुरक्षित करने के लिए नियोक्ताओं के साथ बातचीत करना, साथ ही बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और कार्यस्थल सुरक्षा उपायों की वकालत करना।

लेकिन श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है। भेदभाव और उत्पीड़न से लेकर नौकरी की सुरक्षा और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच की कमी तक श्रमिकों को अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि हमारे लिए अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर एक साथ आना और दुनिया भर के श्रमिकों के साथ अपनी एकजुटता दिखाना बहुत महत्वपूर्ण है।

श्रम संबंधों के क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में, मैं श्रमिकों के अधिकारों के लिए खड़े होने और अधिक न्यायसंगत और न्यायसंगत कार्यस्थल के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरा मानना ​​है कि प्रत्येक कर्मचारी सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार करने का हकदार है, और किसी को भी अनुचित व्यवहार या असुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों का सामना नहीं करना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर, मुझे हमारे काम के महत्व और हर जगह श्रमिकों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की याद आती है। यह श्रमिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई के लिए खुद को फिर से प्रतिबद्ध करने का दिन है।

इसलिए जब हम इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मना रहे हैं, तो आइए हम अतीत और वर्तमान के श्रमिकों के संघर्षों को याद करें, और सभी श्रमिकों के लिए एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखें। हम सभी मिलकर कुछ अलग कर सकते हैं।

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जापानी रात में ही क्यों, साइंस क्या कहता है कि कब नहाएं https://satyamevjayatenews.in/2024/03/01/indian-people-have-been-bathing-in-the-morning-since-ancient-times/ https://satyamevjayatenews.in/2024/03/01/indian-people-have-been-bathing-in-the-morning-since-ancient-times/#respond Fri, 01 Mar 2024 10:42:52 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5185 जापान में रात में नहाने की आदत उनकी प्राचीन परंपरा से चली आ रही है. माना जाता है कि रात का स्नान दिन के दौरान शरीर पर जमा विषाक्त पदार्थों और गंदगी से छुटकारा पाने में मदद करता है, जिससे आराम भी मिलता है. भारतीय लोग प्राचीन समय से सुबह...

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जापान में रात में नहाने की आदत उनकी प्राचीन परंपरा से चली आ रही है. माना जाता है कि रात का स्नान दिन के दौरान शरीर पर जमा विषाक्त पदार्थों और गंदगी से छुटकारा पाने में मदद करता है, जिससे आराम भी मिलता है.

भारतीय लोग प्राचीन समय से सुबह के समय नहाने को बेहतर मानते हैं. दिन की शुरुआत वो इसीलिए नहाने से करते हैं और इसके बाद अपने दिन को शुरू करते हैं. इसके पीछे धार्मिक विश्वास और परंपराएं भी हैं. लेकिन एशिया के अन्य देशों में ऐसा नहीं है. खासकर चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों में, जहां लोग रात में नहाते हैं और इसकी खास वजह भी है.

दक्षिण कोरिया में भी लोग अक्सर लंबे समय तक काम करने के बाद आराम करने के लिए रात में स्नान करना पसंद करते हैं. हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और कनाडा जैसी पश्चिमी संस्कृतियां पारंपरिक रूप से तरोताजा होने और दिन की शुरुआत करने के लिए सुबह शॉवर से नहाने को प्राथमिकता देते हैं.

क्या चीनी लोग भी रात में नहाते हैं?
चीनी संस्कृति में रात में स्नान करना दैनिक स्वच्छता का जरूरी हिस्सा माना जाता है. वहां माना जाता है कि ये रात का स्नान दिन में बाहरी दुनिया में निकलने पर मिली तमाम नकारात्मक शक्तियों के साथ तनाव को दूर करता है. साथ ही शरीर को तरोताजा करके रात में आरामदायक नींद भी.

वैसे चीन की जलवायु अधिक आर्द्र और उष्णकटिबंधीय होती है. इस वजह से वहां लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है. इससे त्वचा पर बैक्टीरिया आ सकते हैं. नहाने से न केवल शरीर को साफ रखने में मदद मिलती है बल्कि संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है.

चीन के लोग मानते हैं कि रात में नहाने से ना केवल बेहतर नींद आती है बल्कि स्वास्थ्य और उत्पादकता में भी सुधार होता है. चीन की जलवायु अधिक आर्द्र और उष्णकटिबंधीय होती है. इस वजह से वहां लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है. इससे त्वचा पर बैक्टीरिया आ सकते हैं. नहाने से न केवल शरीर को साफ रखने में मदद मिलती है बल्कि संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है.

जापानी मानते हैं कि इससे अच्छी नींद आती है
स्वच्छता के फायदे के अलावा सोने से पहले स्नान को लंबे दिन के बाद आराम करने और आराम करने के एक तरीके के रूप में भी देखा जाता है. यह जापानी लोगों के लिए तनावमुक्त होने और रात की अच्छी नींद के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का समय है. जापानी मानते हैं कि नहाने से पहले जब आप नहाते हैं तो तन और मन दोनों शुद्ध होता है और इसकी वजह से जब आप नहाने जाते हैं तो बेहतर नींद आती है. स्नान की रस्म जापानी परंपराओं में भी गहराई से समाई हुई है.

जापानी लोग सोने से पहले नहाना क्यों पसंद करते हैं
इसकी एक वजह उनकी कार्य संस्कृति से संबंधित है. कई जापानी श्रमिकों के दिन लंबे और तनावपूर्ण होते हैं, वे अक्सर शाम तक अच्छा काम करते हैं. सोने से पहले नहाना शरीर को यह संकेत देने का एक तरीका है कि काम खत्म हो गया है और आराम करने का समय आ गया है. यह तनाव को कम करने और मानसिक और शारीरिक विश्राम को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे सो जाना आसान हो जाता है.

लोग सुबह के बजाय रात में क्यों स्नान करते हैं?
हालाँकि, ऐसे कुछ कारण हैं जिनकी वजह से लोग सुबह के बजाय रात में स्नान करना पसंद करते हैं. रात में नहाने से शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद मिल सकती है, जिससे सोना आसान हो जाता है. गर्म पानी मांसपेशियों को आराम दे सकता है. शरीर पर इकट्ठा हुई दिनभर की गंदगी को धोने से मानसिक रूप से आराम पाने में मदद मिल सकती है. ये उन लोगों के लिए बहुत मुफीद है जो सुबह से शाम तक ज्यादा बिजी रहते हैं.

आफिस जाने और घर आने के लिए यात्राएं करते हैं. शहरी प्रदूषण से भी जूझते हैं.
– रात का स्नान पसीने या गंदगी को धोता है
– गर्म और आर्द्र जलवायु में रहने वालों को ज्यादा पसीना आता है
– रात में स्नान करने से बिस्तर की चादरों में पहुंचने वाला तेल और गंदगी की मात्रा कम हो सकती है
– रात में नहाना त्वचा के स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है

सुबह नहाने के फायदे
– दिन को किकस्टार्ट देने के लिए ऊर्जा देता है
– रातभर की खुमारी को दूर करके ताजगी का अहसास दिलाता है
– व्यक्ति ज्यादा अधिक फुर्तीला महसूस करता है
– जिन लोगों को रात में सोते समय ज्यादा पसीना आता है, उनके लिए सुबह का स्नान जरूरी है

साइंस क्या कहती है
वैसे साइंस और एक्सपर्ट्स भी रात के नहाने को बेहतर मानते हैं. दिनभर की भाग-दौड़ के बाद नहाने से शरीर तरोताज़ा हो जाता है. एक लंबे दिन के बाद नहाने से पूरे दिन की थकान मिनटों में गायब हो जाती है. नींद भी अच्छी आती है. यही कारण है कि कई लोग सुबह नहाने के अलावा रात में भी नहाते हैं. रिसर्च में पाया गया कि रात में सोने से पहले गर्म पानी से नहाने से नींद अच्छी आती है.

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नो टेंशन! यहां मिलेगा मुफ्त का घर, गाड़ी और बंगला, ऐश-ओ-आराम … https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/will-get-free-house-car-bungalow/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/will-get-free-house-car-bungalow/#respond Sat, 24 Feb 2024 10:37:25 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4937 अमेरिका : कमाने का नहीं है मन, नो टेंशन! यहां मिलेगा मुफ्त का घर, गाड़ी और बंगला, ऐश-ओ-आराम से कटेगी जिंदगी अमेरिका में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां अगर आप गए, तो आपको कमाने की टेंशन ही नहीं लेनी है, यहां आपको मुफ्त का घर मिलेगा, गाड़ी, बंगला भी मिलेगा...

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अमेरिका : कमाने का नहीं है मन, नो टेंशन! यहां मिलेगा मुफ्त का घर, गाड़ी और बंगला, ऐश-ओ-आराम से कटेगी जिंदगी अमेरिका में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां अगर आप गए, तो आपको कमाने की टेंशन ही नहीं लेनी है, यहां आपको मुफ्त का घर मिलेगा, गाड़ी, बंगला भी मिलेगा और आप ऐश-ओ-आराम से जिंदगी बिता सकते हैं. आखिर ऐसा क्यों है? जानने के बाद आप भी चाहेंगे यहां बसना…

दुनिया में कई बेहद खूबसूरत जगहें हैं, जहां जाना, घूमना-फिरना लोगों को बहुत पसंद होता है. पर सोचिए कि अगर किसी जगह घूमने जाने और वहां पर रहने के लिए आपको पैसे दिए जाएं, तो क्या आप वहां जाना चाहेंगे? अमेरिका में एक ऐसी जगह मौजूद है, जहां अगर आप गए, तो आपको कमाने की टेंशन ही नहीं लेनी है, यहां आपको मुफ्त का घर मिलेगा, गाड़ी, बंगला भी मिलेगा और आप ऐश-ओ-आराम से जिंदगी बिता सकते हैं.

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में एक राज्य है, वरमॉन्ट. ये एक पहाड़ी इलाका है. शायद आप नहीं जानते होंगे कि इस राज्य में फेमस बेन एंड जेरी आइसक्रीम बनती है. राज्य इतना खूबसूरत है कि यहां पर पर्यटन काफी पनप सकता है. पर यहां सिर्फ 6 लाख लोग रहते हैं. राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिमोट वर्कर ग्रांट प्रोग्राम की शुरुआत साल 2018 से की गई थी. स्टेट ऑफ वरमॉन्ट के एजेंसी ऑफ कॉमर्स एंड कम्यूनिटी डेवलपमेंट के अनुसार ये स्कीम अभी भी चल रही है, मगर न्यूज वेबसाइट wcax के मुताबिक इस स्कीन को 2023 में बंद कर दिया गया था.

यह राज्य रिमोट वर्कर ग्रांट प्रोग्राम आवेदकों को 2 साल के लिए $10,000 लगभग 7.4 लाख रुपये) की दे रहा है. 2018 के मई में, वरमॉन्ट के गवर्नर फिल स्कॉट ने इससे संबंधित बिल पर हस्ताक्षर किए, जो वरमॉन्ट में जाने और राज्य में रहकर काम करने के लिए इच्छुक लोगों को $10,000 प्रदान करता है.

स्टेट ऑफ वरमॉन्ट के एजेंसी ऑफ कॉमर्स एंड कम्यूनिटी डेवलपमेंट के अनुसार जो व्यक्ति 1 फरवरी 2022 या उसके बाद राज्य में रहने के लिए आता है, और जो पूरी तरह किसी ऐसी कंपनी के लिए काम कर रहा है जो राज्य से बाहर और पूरी तरह रिमोट वर्क है, उसे इस प्रोग्राम का फायदा मिलेगा. इसके साथ ही आदमी की सैलरी 1 हजार रुपये प्रति घंटे से ज्यादा होनी चाहिए.

आपको यहां रहने के इन चीजों का रिबर्समेंट मिलेगा. लीज डिपॉजिट, और 1 महीने का किराया शामिल होगा. सामान शिफ्ट करने वाली कंपनी का खर्च, सामानों को रेंट करने का खर्च, शिपिंग, और कुछ अन्य तरह के इंसेंटिव शामिल होंगे. तो क्या आप यहां बसना चाहेंगे? कमेंट कर हमें बताइए. वैसे इस तरह के कई ऐसे देश हैं, जो आबादी घटने की वजह से, अपने यहां बसने के पैसे देते हैं.

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अंदर का नजारा देख आंखों पर नहीं हुआ यकीन https://satyamevjayatenews.in/2024/02/23/%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%96%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/23/%e0%a4%85%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96-%e0%a4%86%e0%a4%82%e0%a4%96%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%aa%e0%a4%b0/#respond Fri, 23 Feb 2024 06:52:18 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4777 पश्चिम बंगाल : भारत के तमाम प्रयासों के बावजूद बांग्‍लादेश से लगती सीमा पर अप्रिय घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत-बांग्‍लादेश की सीमा जंगल के साथ ही पहाड़ों से भी घिरा हुआ है. घने जंगल की वजह से सुरक्षाबलों के लिए लगातार गश्‍त कर पाना भी काफी...

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पश्चिम बंगाल : भारत के तमाम प्रयासों के बावजूद बांग्‍लादेश से लगती सीमा पर अप्रिय घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत-बांग्‍लादेश की सीमा जंगल के साथ ही पहाड़ों से भी घिरा हुआ है. घने जंगल की वजह से सुरक्षाबलों के लिए लगातार गश्‍त कर पाना भी काफी मुश्किल होता है. दोनों देशों के बीच व्‍यापार मार्ग भी खुला रहता है. सड़क मार्ग से भारत से बांग्‍लादेश ट्रकें और सामान्‍य वाहनें जाती और आती हैं. इन संपर्क मार्गों पर सुरक्षाबलों की कड़ी नजर रहती है. BSF के जवान लगातार वाहनों की चेकिंग करते रहते हैं, ताकि प्रतिबंधित या फिर कोई चीज गैरकानूनी तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश न कर सके. सीमा पर चेकिंग के दौरान BSF के जवानों ने एक ट्रक और एक अन्‍य वाहन को रोका. तलाशी के लिए जब शटर खोला गया तो सुरक्षाबलों का सिर चकरा गए. पहले तो वे समझ ही नहीं सके कि अब आगे क्‍या किया जाए.

भारत के तमाम प्रयासों के बावजूद बांग्‍लादेश से लगती सीमा पर अप्रिय घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. भारत-बांग्‍लादेश की सीमा जंगल के साथ ही पहाड़ों से भी घिरा हुआ है. घने जंगल की वजह से सुरक्षाबलों के लिए लगातार गश्‍त कर पाना भी काफी मुश्किल होता है. दोनों देशों के बीच व्‍यापार मार्ग भी खुला रहता है. सड़क मार्ग से भारत से बांग्‍लादेश ट्रकें और सामान्‍य वाहनें जाती और आती हैं. इन संपर्क मार्गों पर सुरक्षाबलों की कड़ी नजर रहती है. BSF के जवान लगातार वाहनों की चेकिंग करते रहते हैं, ताकि प्रतिबंधित या फिर कोई चीज गैरकानूनी तरीके से भारत की सीमा में प्रवेश न कर सके. सीमा पर चेकिंग के दौरान BSF के जवानों ने एक ट्रक और एक अन्‍य वाहन को रोका. तलाशी के लिए जब शटर खोला गया तो सुरक्षाबलों का सिर चकरा गए. पहले तो वे समझ ही नहीं सके कि अब आगे क्‍या किया जाए.

ट्रक से बड़ी मात्रा में सोना बरामद होने के बाद सुरक्षाबलों ने चौकसी और बढ़ा दी. तलाशी के क्रम में ही एक और वाहन BSF के हत्‍थे चढ़ा. बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में एक अन्य व्यक्ति के पास से एक किलोग्राम से अधिक वजन का सोने का पेस्ट जब्त किया गया. जब्त सोना और गिरफ्तार व्यक्तियों को सीमा शुल्क अधिकारियों को सौंप दिया गया. इसकी कीमत लाखों रुपये में बताया जा रहा है. भारत-बांग्‍लादेश सीमा पर अक्‍सर ही तस्‍करी से जुड़ी घटनाएं सामने आती रहती हैं

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जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते 2.25 करोड़ रुपये के सोने की तस्करी का प्रयास करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी ने बताया कि जिले में गुप्त सूचना पर अलग-अलग घटनाओं पर कार्रवाई करते हुए, बीएसएफ कर्मियों ने बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले ट्रकों की तलाशी ली और एक वाहन से 1.58 करोड़ रुपये मूल्य के 2.5 किलोग्राम सोने के बिस्कुट जब्त किए और दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में पुलिस ने 102 किलोग्राम गांजा जब्त कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार को धूलागढ़ के सांकरैल औद्योगिक पार्क में ओडिशा से आ रहे प्याज से भरे एक ट्रक को रोका और वाहन से लगभग 50 लाख रुपये का प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किया. उन्होंने बताया कि वाहन में सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और मामले की जांच की जा रही है.

 

 

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मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रूप https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/mohammed-yunus-and-bangla/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/mohammed-yunus-and-bangla/#respond Thu, 22 Feb 2024 10:22:12 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4633 ग्रामीण बैंक और माइक्रो क्रेडिट मॉडल शुरू किया था। मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है।  मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के जाने माने अर्थशास्त्री हैं।  इनके ग्रामीण बैंक मॉडल को जबरदस्त सफलता मिली है। साल 1974 में बांग्लादेश में अकाल ने उन्हें परेशान कर दिया था। इनके ग्रामीण बैंक...

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ग्रामीण बैंक और माइक्रो क्रेडिट मॉडल शुरू किया था। मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है।  मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के जाने माने अर्थशास्त्री हैं।  इनके ग्रामीण बैंक मॉडल को जबरदस्त सफलता मिली है। साल 1974 में बांग्लादेश में अकाल ने उन्हें परेशान कर दिया था।

इनके ग्रामीण बैंक मॉडल को जबरदस्त सफलता मिली है। अब इसे पूरी दुनिया अपना रही है। मोहम्मद यूनुस को साल 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक को नोबेल शांति पुरस्कार संयुक्त रूप से मिला था मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं। डॉ. मोहम्मद यूनुस 83 वर्ष के हो चुके हैं। आज दुनिया मोहम्मद यूनुस के माइक्रो क्रेडिट मॉडल यानी गरीबों को बिना जमानत छोटे-छोटे लोन देने की शुरुआत वाले मॉडल का लोहा मानती है। मोहम्मद यूनुस ने ग्रामीण टेलीकॉम नाम की कंपनी भी स्थापित की है। आईए आपको बताते हैं कैसे मोहम्मद यूनुस ने जीवन में इतनी सफलता हासिल की और क्यों उन्हें गरीबों का महीसा माना जाता है।

इसके बाद इन्होंने चटगांव यूनिवर्सिटी में साल 1961 से 1965 तक इकोनॉमिक्स पढ़ाया। मोहम्मद यूनुस को इसके बाद अमेरिका की फुलब्राइट स्कॉलरशिप मिल गई। साल 1965 से 1972 तक इन्होंने अमेरिका के वंदरबिल्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और टीचिंग की। इसके बाद 1969 में इकोनॉमिक्स में पीएचडी की उपाधि हासिल की। मोहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून 1940 को पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के चटगांव में हुआ था। इन्होंने ढाका यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की थी।  इसके बाद वह चटगांव लौट आए जहां उन्हें साल 1972 में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट का हेड बना दिया गया।

हालांकि उन्हें जल्द ही समझ में आ गया कि इससे भूमिहीन लोगों को कोई लाभ नहीं होगा। मोहम्मद यूनुस को समझ में आया कि गरीबों को रुपयों की जरूरत है, रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1974 में बांग्लादेश में अकाल ने उन्हें परेशान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने गरीबी के आर्थिक पहलुओं का अध्ययन शुरू किया। उन्होंने अपने स्टूडेंट्स से खेतों में जाकर किसानों की मदद के लिए कहा।  जिससे वह छोटा-मोटा कारोबार शुरू कर सकें।

 

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पाकिस्तानी युद्धपोतों की तैनाती, https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%aa%e0%a5%8b%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%80/#respond Thu, 22 Feb 2024 10:14:07 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4624 इस्लामाबाद : पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों को तैनात किया है। ये युद्धपोत अदन से लेकर कराची तक गश्त कर रहे हैं। पाकिस्तान ने यह ऐलान तब किया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज को समुद्री डाकूओं के हमले से...

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इस्लामाबाद : पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों को तैनात किया है। ये युद्धपोत अदन से लेकर कराची तक गश्त कर रहे हैं। पाकिस्तान ने यह ऐलान तब किया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज को समुद्री डाकूओं के हमले से मुक्त कराया था।

भारत के देखा देखी पाकिस्तान ने भी अरब सागर में अपने युद्धपोत को तैनात कर दिया है। पाकिस्तानी नौसेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि समुद्री सुरक्षा की हालिया घटनाओं के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लगातार अरब सागर में गश्त कर रहे हैं। पाकिस्तान का यह बयान तब आया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज तो समुद्री डाकूओं के चंगुल से बचाया था। इस जहाज पर कई भारतीयों समेत चालक दल के 21 सदस्य सवार थे। भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस चेन्नई और मार्कोज कमांडो ने इस ऑपरेशन में भाग लिया था।

जहाज की मालिकान हक रखने वाली कंपनी एमएससी मेडिटेरेनियन शिपिंग ने कहा था कि किंग अब्दुल्ला पोर्ट, सऊदी अरब से कराची के रास्ते में उसके जहाज यूनाइटेड VIII पर हुए हमले में उसके चालक दल को कोई चोट नहीं आई है। इसके बाद से पाकिस्तान के सामने भी अरब सागर में अपने समुद्री यातायात की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी आ गई है।कुछ दिनों पहले ही यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में पाकिस्तान जाने वाले एक कंटेनर जहाज पर मिसाइल से हमला किया था। हालांकि, इस हमले में जहाज को कोई नुकासन नहीं हुआ।

आज पाकिस्तानी नौसेना ने कहा कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय व्यापारी जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाणिज्यिक मार्गों की निरंतर हवाई निगरानी भी की जा रही है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी नौसेना क्षेत्र में समुद्री शांति और व्यवस्था बनाए रखने में अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी से अच्छी तरह वाकिफ है। यमन के हूती विद्रोही मध्य पूर्व में आक्रामक तरीके से समुद्री व्यापार को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने पिछले एक महीने में कई जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। उनका कहना है कि इजरायल जब तक गाजा पट्टी पर हमले नहीं रोकता है और राहत सामग्री को भेजने की अनुमति नहीं देता है, उसके हमले तब तक जारी रहेंगे। हूतियों की बढ़ती भूमिका ने क्षेत्रीय संघर्ष के जोखिमों को बढ़ा दिया है। हूती एक ऐसे क्षेत्र में हमले कर रहे हैं, जहां से पूरी दुनिया का अधिकांश तेल निर्यात होता है।

भारतीय नौसेना ने पिछले महीने गुजरात के तट के पास एक जहाज पर हुए ड्रोन हमलों के बाद अरब सागर में अपनी उपस्थिति को बढ़ा दिया है। अमेरिका ने इस हमले का आरोप ईरान पर लगाया था। इसके बाद से लाल सागर से लेकर अरब सागर तक तनाव चरम पर है। ऐसे में समुद्री व्यापारिक मार्गों पर बढ़े तनाव को देखते हुए भारत के कई युद्धपोत और कोस्ट गार्ड के जहाज पूरे अरब सागर में भारतीय हितों की रक्षा के लिए तैनात हैं। ये युद्धपोत किसी भी समुद्री खतरे से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार हैं। ये जहाजों की रेंडम चेकिंग भी कर रहे हैं, ताकि समुद्री व्यापार सुचारू रूप से चलता रहे।

 

 

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अदन से कराची तक लगा रहे गश्त https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%85%e0%a4%a6%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9a%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%b6%e0%a5%8d/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%85%e0%a4%a6%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9a%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%b9%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a4%b6%e0%a5%8d/#respond Thu, 22 Feb 2024 09:43:03 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4616 इस्लामाबाद : पाकिस्तान का यह बयान तब आया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज तो समुद्री डाकूओं के चंगुल से बचाया था। इस जहाज पर कई भारतीयों समेत चालक दल के 21 सदस्य सवार थे। भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस चेन्नई और...

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इस्लामाबाद : पाकिस्तान का यह बयान तब आया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज तो समुद्री डाकूओं के चंगुल से बचाया था। इस जहाज पर कई भारतीयों समेत चालक दल के 21 सदस्य सवार थे। भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस चेन्नई और मार्कोज कमांडो ने इस ऑपरेशन में भाग लिया था पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों को तैनात किया है। ये युद्धपोत अदन से लेकर कराची तक गश्त कर रहे हैं। पाकिस्तान ने यह ऐलान तब किया है, जब दो दिन पहले ही भारतीय नौसेना ने अरब सागर में एक जहाज को समुद्री डाकूओं के हमले से मुक्त कराया था।

भारत के देखा देखी पाकिस्तान ने भी अरब सागर में अपने युद्धपोत को तैनात कर दिया है। पाकिस्तानी नौसेना के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि समुद्री सुरक्षा की हालिया घटनाओं के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने अरब सागर में अपने युद्धपोत तैनात किए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान के व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लगातार अरब सागर में गश्त कर रहे हैं।

कुछ दिनों पहले ही यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में पाकिस्तान जाने वाले एक कंटेनर जहाज पर मिसाइल से हमला किया था। हालांकि, इस हमले में जहाज को कोई नुकासन नहीं हुआ। जहाज की मालिकान हक रखने वाली कंपनी एमएससी मेडिटेरेनियन शिपिंग ने कहा था कि किंग अब्दुल्ला पोर्ट, सऊदी अरब से कराची के रास्ते में उसके जहाज यूनाइटेड VIII पर हुए हमले में उसके चालक दल को कोई चोट नहीं आई है। इसके बाद से पाकिस्तान के सामने भी अरब सागर में अपने समुद्री यातायात की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी आ गई है।

आज पाकिस्तानी नौसेना ने कहा कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय व्यापारी जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाणिज्यिक मार्गों की निरंतर हवाई निगरानी भी की जा रही है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी नौसेना क्षेत्र में समुद्री शांति और व्यवस्था बनाए रखने में अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी से अच्छी तरह वाकिफ है। यमन के हूती विद्रोही मध्य पूर्व में आक्रामक तरीके से समुद्री व्यापार को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने पिछले एक महीने में कई जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। उनका कहना है कि इजरायल जब तक गाजा पट्टी पर हमले नहीं रोकता है और राहत सामग्री को भेजने की अनुमति नहीं देता है, उसके हमले तब तक जारी रहेंगे। हूतियों की बढ़ती भूमिका ने क्षेत्रीय संघर्ष के जोखिमों को बढ़ा दिया है। हूती एक ऐसे क्षेत्र में हमले कर रहे हैं, जहां से पूरी दुनिया का अधिकांश तेल निर्यात होता है।

भारतीय नौसेना ने पिछले महीने गुजरात के तट के पास एक जहाज पर हुए ड्रोन हमलों के बाद अरब सागर में अपनी उपस्थिति को बढ़ा दिया है। अमेरिका ने इस हमले का आरोप ईरान पर लगाया था। इसके बाद से लाल सागर से लेकर अरब सागर तक तनाव चरम पर है। ऐसे में समुद्री व्यापारिक मार्गों पर बढ़े तनाव को देखते हुए भारत के कई युद्धपोत और कोस्ट गार्ड के जहाज पूरे अरब सागर में भारतीय हितों की रक्षा के लिए तैनात हैं। ये युद्धपोत किसी भी समुद्री खतरे से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार हैं। ये जहाजों की रेंडम चेकिंग भी कर रहे हैं, ताकि समुद्री व्यापार सुचारू रूप से चलता रहे।

 

 

नई दिल्‍ली  : सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें दिल्ली में महरौली के पास 13वीं सदी की आशिक अल्लाह दरगाह और बाबा फरीद की चिल्लागाह सहित सदियों पुरानी धार्मिक संरचनाओं की सुरक्षा के निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित 8 फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें संरचनाओं की सुरक्षा के लिए विशिष्ट निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया गया था.

हाईकोर्ट ने अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान को दर्ज करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया था कि केंद्रीय या राज्य प्राधिकरण द्वारा घोषित किसी भी संरक्षित स्मारक या राष्ट्रीय स्मारक को ध्वस्त नहीं किया जाएगा. महरौली इलाके में स्थित आशिक अल्‍लाह दरगाह को लेकर दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें इस प्राचीन ढांचे को गिराने से बचाने का आग्र‍ह किया गया. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने इस पर सख्‍त टिप्‍पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि हमारे देश में पीर, दरगाह, मंदिर बहुत हो गए हैं. संरक्षित स्‍मारकों को छोड़कर वन क्षेत्र या वन भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण को अनुमति नहीं दी जा सकती है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जंगल ‘दिल्ली के हरित फेफड़े’ हैं. ये प्रदूषण से एकमात्र रक्षक भी हैं. इसलिए उन्हें बहाल किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने धार्मिक संरचनाओं के नाम पर अतिक्रमण समेत अनधिकृत निर्माण पर चिंता जताते हुए यह बात कही थी. हाईकोर्ट ने कहा कि लोग यहां सांस नहीं ले पा रहे हैं और प्रदूषण के कारण मर रहे हैं और किसी को भी वन क्षेत्रों में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और उन्हें बेदखल करने की जरूरत है.

 

 

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अबु धाबी के पहले हिंदू मंदिर की वो खूबियां, जो आप नहीं जानते https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%85%e0%a4%ac%e0%a5%81-%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%82-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/22/%e0%a4%85%e0%a4%ac%e0%a5%81-%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%82-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a6/#respond Thu, 22 Feb 2024 07:42:28 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4555 मंदिर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबू धाबी में जिस पहले हिंदू मंदिर का बुधवार को उद्घाटन किया, उसे वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है. दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित...

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मंदिर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अबू धाबी में जिस पहले हिंदू मंदिर का बुधवार को उद्घाटन किया, उसे वैज्ञानिक तकनीकों और प्राचीन वास्तुकला विधियों का उपयोग करके बनाया गया है. दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के समीप स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) द्वारा निर्मित यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है.

https://youtu.be/3Vzy9tV677o

इस मंदिर में तापमान मापने और भूकंपीय गतिविधि पर नजर रखने के लिए उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं. मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए उड़न राख यानी ‘फ्लाई ऐश’ का उपयोग किया गया है. इस मंदिर को करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है.

मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, इस भव्य मंदिर को ‘शिल्प’ और ‘स्थापत्य शास्त्रों’ में वर्णित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार बनाया गया है. ‘शिल्प’ और ‘स्थापत्य शास्त्र’ ऐसे हिंदू ग्रंथ हैं, जो मंदिर के डिजाइन और निर्माण की कला का वर्णन करते हैं.

बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने ‘पीटीआई’ से कहा, “इसमें वास्तुशिल्प पद्धतियों के साथ वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. तापमान, दबाव और गति को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर उच्च तकनीक वाले 300 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं. सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे. यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है, तो मंदिर इसका पता लगा लेगा.”

मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल ने ‘पीटीआई’ से कहा, “हमने मंदिर में गर्मी प्रतिरोधी नैनो टाइल और भारी ग्लास पैनल का उपयोग किया है जो पारंपरिक सौंदर्यात्मक पत्थर संरचनाओं और आधुनिक कार्यक्षमता का मेल है. संयुक्त अरब अमीरात में अत्यधिक तापमान के बावजूद श्रद्धालुओं को गर्मी में भी इन टाइल पर चलने में दिक्कत नहीं होगी. मंदिर में अलौह सामग्री का भी प्रयोग किया गया है.

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अक्षय कुमार ने माथा टेककर लिया आशीर्वाद लिया https://satyamevjayatenews.in/2024/02/21/akshay-kumar-bowed-his-head/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/21/akshay-kumar-bowed-his-head/#respond Wed, 21 Feb 2024 12:35:56 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4485 अबू धाबी : उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की और स्थानीय पुजारियों से मिलकर उनके साथ एक छोटे समारोह में भाग लिया। अक्षय कुमार ने अपने आगामी फिल्म की सफलता के लिए आशीर्वाद भी मांगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को ही अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का...

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अबू धाबी : उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की और स्थानीय पुजारियों से मिलकर उनके साथ एक छोटे समारोह में भाग लिया। अक्षय कुमार ने अपने आगामी फिल्म की सफलता के लिए आशीर्वाद भी मांगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को ही अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था। अक्षय को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी मिला था, पर उसमें वह जा नहीं पाए थे।

14 फरवरी का दिन सभी देशवासियों के लिए बहुत खास रहा। दरअसल इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धामी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। अक्षय बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। इसका वीडियो भी सामने आया है, जो चर्चा बटोर रहा है। अक्षय के अलावा एक्टर विवेक ओबेरॉय भी इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचे।

अक्षय कुमार कुर्ता-पजामा पहनकर भारी सिक्योरिटी के बीच मंदिर पहुंचे, और दर्शन किए। बता दें कि अबू धामी में बना यह पहला हिंदू मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है। स्वामीनारायण का मंदिर देश और दुनिया के कई हिस्सों में बना हुआ है। पर पहली बार है, जब अबू धाबी में भी भगवान स्वामीनारायण को जगह मिली। हर देशवासी की नजरें इस मंदिर पर टिकी हैं। यह वाकई गर्व का पल है।

करीब 27 एकड़ में बने इस हिंदू मंदिर की नींव तो 2019 में रखी गई थी, पर इस अब बनाया गया था, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने बुधवार, 14 फरवरी को किया। इस मंदिर में वाराणसी के घाटों की भी झलक है। इस मंदिर को बनाने में संगमरमर, बलुआ पत्थर और करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है।

अक्षय कुमार को इससे पहले अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता मिला था। चूंकि उस वक्त वह अपनी फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ की शूटिंग में बिजी थे, इसलिए शामिल नहीं हो पाए थे। हालांकि उन्होंने वीडियो के जरिए उस शुभ मौके पर अपनी खुशी जाहिर की थी। अब अक्षय फिल्म के शूट से वक्त निकाल कर अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर पहुंचे।

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