स्वास्थ्य Archives - My Blog https://satyamevjayatenews.in/category/health/ My WordPress Blog Tue, 28 May 2024 06:03:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.1 https://i0.wp.com/satyamevjayatenews.in/wp-content/uploads/2017/11/cropped-logo.jpg?fit=32%2C32&ssl=1 स्वास्थ्य Archives - My Blog https://satyamevjayatenews.in/category/health/ 32 32 230878696 विश्व तंबाकू निषेध दिवस World No Tobacco Day https://satyamevjayatenews.in/2024/05/28/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5-%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%82-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a5%87%e0%a4%a7-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%b8-world-no-tobacco/ https://satyamevjayatenews.in/2024/05/28/%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b5-%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%95%e0%a5%82-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a5%87%e0%a4%a7-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%b8-world-no-tobacco/#respond Tue, 28 May 2024 05:58:59 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5200 विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन नीतियों की वकालत करने के लिए समर्पित दिन है जो तंबाकू की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में, मैं जनता को तंबाकू...

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उन नीतियों की वकालत करने के लिए समर्पित दिन है जो तंबाकू की खपत को कम करने में मदद कर सकते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में, मैं जनता को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने और तंबाकू मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में काम करने के कर्तव्य की मजबूत भावना महसूस करता हूं।

तम्बाकू का उपयोग दुनिया भर में रोकी जा सकने वाली मौतों का प्रमुख कारण है, जिससे हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है। यह कैंसर, हृदय रोग और श्वसन संबंधी बीमारियों सहित कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार है। अच्छी तरह से प्रलेखित जोखिमों के बावजूद, तम्बाकू का उपयोग व्यापक बना हुआ है, लाखों लोग धूम्रपान या अन्य तम्बाकू उत्पादों का उपयोग जारी रखते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर, मुझे इस सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता की याद आती है। शिक्षा और वकालत के माध्यम से, हम लोगों को तंबाकू के उपयोग के जोखिमों को समझने में मदद कर सकते हैं और उन्हें स्वस्थ विकल्प चुनने के लिए सशक्त बना सकते हैं। हम ऐसी नीतियां बनाने के लिए भी काम कर सकते हैं जो लोगों के लिए तंबाकू उत्पादों तक पहुंच और उनका उपयोग करना कठिन बना दें, जैसे तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाना, धूम्रपान-मुक्त कानून लागू करना और तंबाकू विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाना।

सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक पेशेवर के रूप में, मैं तंबाकू मुक्त दुनिया की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं ऐसी रणनीतियाँ विकसित करने और लागू करने के लिए अन्य पेशेवरों, नीति निर्माताओं और समुदाय के सदस्यों के साथ सहयोग करता हूँ जो तंबाकू के उपयोग को कम कर सकती हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं। मैं व्यक्तियों और समुदायों पर तंबाकू के उपयोग के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने के लिए शोध करता हूं, और मैं इस ज्ञान का उपयोग तंबाकू के उपयोग को रोकने और कम करने के हमारे प्रयासों को सूचित करने के लिए करता हूं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर, मुझे तंबाकू के उपयोग के खिलाफ लड़ाई में हमने जो प्रगति की है, उसकी याद आती है, लेकिन मैं आगे आने वाली चुनौतियों से भी अवगत हूं। तम्बाकू कंपनियाँ अपने उत्पादों का आक्रामक ढंग से विपणन कर रही हैं, कमजोर आबादी को लक्षित कर रही हैं और तम्बाकू के उपयोग के बारे में हानिकारक मिथकों को बढ़ावा दे रही हैं। हमें सतर्क रहना चाहिए और इन युक्तियों का मुकाबला करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अपने प्रयास जारी रखने चाहिए।

मुझे तंबाकू के उपयोग को समाप्त करने के वैश्विक आंदोलन का हिस्सा होने पर गर्व है। साथ मिलकर, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां तम्बाकू अब सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है, और जहां हर किसी को स्वस्थ और धूम्रपान मुक्त जीवन जीने का अवसर मिलेगा।

is a day dedicated to raising awareness about the dangers of tobacco use and advocating for policies that can help reduce tobacco consumption. As a professional in the public health sector, I feel a strong sense of duty to educate the public about the harmful effects of tobacco and to work towards creating a tobacco-free world.

Tobacco use is the leading cause of preventable death worldwide, claiming millions of lives each year. It is responsible for a wide range of health problems, including cancer, heart disease, and respiratory illnesses. Despite the well-documented risks, tobacco use remains widespread, with millions of people continuing to smoke or use other tobacco products.

On World No Tobacco Day, I am reminded of the urgent need to address this public health crisis. Through education and advocacy, we can help people understand the risks of tobacco use and empower them to make healthier choices. We can also work to create policies that make it harder for people to access and use tobacco products, such as increasing taxes on tobacco products, implementing smoke-free laws, and banning tobacco advertising.

As a professional in the public health sector, I am committed to working towards a tobacco-free world. I collaborate with other professionals, policymakers, and community members to develop and implement strategies that can reduce tobacco use and improve public health. I conduct research to better understand the impact of tobacco use on individuals and communities, and I use this knowledge to inform our efforts to prevent and reduce tobacco use.

On World No Tobacco Day, I am reminded of the progress we have made in the fight against tobacco use, but I am also aware of the challenges that lie ahead. Tobacco companies continue to aggressively market their products, targeting vulnerable populations and promoting harmful myths about tobacco use. We must remain vigilant and continue our efforts to counter these tactics and protect public health.

I am proud to be a part of the global movement to end tobacco use. Together, we can create a world where tobacco is no longer a threat to public health, and where everyone has the opportunity to live a healthy and smoke-free life.

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जापानी रात में ही क्यों, साइंस क्या कहता है कि कब नहाएं https://satyamevjayatenews.in/2024/03/01/indian-people-have-been-bathing-in-the-morning-since-ancient-times/ https://satyamevjayatenews.in/2024/03/01/indian-people-have-been-bathing-in-the-morning-since-ancient-times/#respond Fri, 01 Mar 2024 10:42:52 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5185 जापान में रात में नहाने की आदत उनकी प्राचीन परंपरा से चली आ रही है. माना जाता है कि रात का स्नान दिन के दौरान शरीर पर जमा विषाक्त पदार्थों और गंदगी से छुटकारा पाने में मदद करता है, जिससे आराम भी मिलता है. भारतीय लोग प्राचीन समय से सुबह...

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जापान में रात में नहाने की आदत उनकी प्राचीन परंपरा से चली आ रही है. माना जाता है कि रात का स्नान दिन के दौरान शरीर पर जमा विषाक्त पदार्थों और गंदगी से छुटकारा पाने में मदद करता है, जिससे आराम भी मिलता है.

भारतीय लोग प्राचीन समय से सुबह के समय नहाने को बेहतर मानते हैं. दिन की शुरुआत वो इसीलिए नहाने से करते हैं और इसके बाद अपने दिन को शुरू करते हैं. इसके पीछे धार्मिक विश्वास और परंपराएं भी हैं. लेकिन एशिया के अन्य देशों में ऐसा नहीं है. खासकर चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों में, जहां लोग रात में नहाते हैं और इसकी खास वजह भी है.

दक्षिण कोरिया में भी लोग अक्सर लंबे समय तक काम करने के बाद आराम करने के लिए रात में स्नान करना पसंद करते हैं. हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और कनाडा जैसी पश्चिमी संस्कृतियां पारंपरिक रूप से तरोताजा होने और दिन की शुरुआत करने के लिए सुबह शॉवर से नहाने को प्राथमिकता देते हैं.

क्या चीनी लोग भी रात में नहाते हैं?
चीनी संस्कृति में रात में स्नान करना दैनिक स्वच्छता का जरूरी हिस्सा माना जाता है. वहां माना जाता है कि ये रात का स्नान दिन में बाहरी दुनिया में निकलने पर मिली तमाम नकारात्मक शक्तियों के साथ तनाव को दूर करता है. साथ ही शरीर को तरोताजा करके रात में आरामदायक नींद भी.

वैसे चीन की जलवायु अधिक आर्द्र और उष्णकटिबंधीय होती है. इस वजह से वहां लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है. इससे त्वचा पर बैक्टीरिया आ सकते हैं. नहाने से न केवल शरीर को साफ रखने में मदद मिलती है बल्कि संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है.

चीन के लोग मानते हैं कि रात में नहाने से ना केवल बेहतर नींद आती है बल्कि स्वास्थ्य और उत्पादकता में भी सुधार होता है. चीन की जलवायु अधिक आर्द्र और उष्णकटिबंधीय होती है. इस वजह से वहां लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है. इससे त्वचा पर बैक्टीरिया आ सकते हैं. नहाने से न केवल शरीर को साफ रखने में मदद मिलती है बल्कि संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है.

जापानी मानते हैं कि इससे अच्छी नींद आती है
स्वच्छता के फायदे के अलावा सोने से पहले स्नान को लंबे दिन के बाद आराम करने और आराम करने के एक तरीके के रूप में भी देखा जाता है. यह जापानी लोगों के लिए तनावमुक्त होने और रात की अच्छी नींद के लिए मानसिक रूप से तैयार होने का समय है. जापानी मानते हैं कि नहाने से पहले जब आप नहाते हैं तो तन और मन दोनों शुद्ध होता है और इसकी वजह से जब आप नहाने जाते हैं तो बेहतर नींद आती है. स्नान की रस्म जापानी परंपराओं में भी गहराई से समाई हुई है.

जापानी लोग सोने से पहले नहाना क्यों पसंद करते हैं
इसकी एक वजह उनकी कार्य संस्कृति से संबंधित है. कई जापानी श्रमिकों के दिन लंबे और तनावपूर्ण होते हैं, वे अक्सर शाम तक अच्छा काम करते हैं. सोने से पहले नहाना शरीर को यह संकेत देने का एक तरीका है कि काम खत्म हो गया है और आराम करने का समय आ गया है. यह तनाव को कम करने और मानसिक और शारीरिक विश्राम को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे सो जाना आसान हो जाता है.

लोग सुबह के बजाय रात में क्यों स्नान करते हैं?
हालाँकि, ऐसे कुछ कारण हैं जिनकी वजह से लोग सुबह के बजाय रात में स्नान करना पसंद करते हैं. रात में नहाने से शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद मिल सकती है, जिससे सोना आसान हो जाता है. गर्म पानी मांसपेशियों को आराम दे सकता है. शरीर पर इकट्ठा हुई दिनभर की गंदगी को धोने से मानसिक रूप से आराम पाने में मदद मिल सकती है. ये उन लोगों के लिए बहुत मुफीद है जो सुबह से शाम तक ज्यादा बिजी रहते हैं.

आफिस जाने और घर आने के लिए यात्राएं करते हैं. शहरी प्रदूषण से भी जूझते हैं.
– रात का स्नान पसीने या गंदगी को धोता है
– गर्म और आर्द्र जलवायु में रहने वालों को ज्यादा पसीना आता है
– रात में स्नान करने से बिस्तर की चादरों में पहुंचने वाला तेल और गंदगी की मात्रा कम हो सकती है
– रात में नहाना त्वचा के स्वास्थ्य को भी बेहतर रखता है

सुबह नहाने के फायदे
– दिन को किकस्टार्ट देने के लिए ऊर्जा देता है
– रातभर की खुमारी को दूर करके ताजगी का अहसास दिलाता है
– व्यक्ति ज्यादा अधिक फुर्तीला महसूस करता है
– जिन लोगों को रात में सोते समय ज्यादा पसीना आता है, उनके लिए सुबह का स्नान जरूरी है

साइंस क्या कहती है
वैसे साइंस और एक्सपर्ट्स भी रात के नहाने को बेहतर मानते हैं. दिनभर की भाग-दौड़ के बाद नहाने से शरीर तरोताज़ा हो जाता है. एक लंबे दिन के बाद नहाने से पूरे दिन की थकान मिनटों में गायब हो जाती है. नींद भी अच्छी आती है. यही कारण है कि कई लोग सुबह नहाने के अलावा रात में भी नहाते हैं. रिसर्च में पाया गया कि रात में सोने से पहले गर्म पानी से नहाने से नींद अच्छी आती है.

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साइलेंट किलर को पहचाने https://satyamevjayatenews.in/2024/02/26/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%b0/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/26/%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%b0/#respond Mon, 26 Feb 2024 04:46:00 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5020 आयरन और प्रोटीन की तरह विटामिन बी12 भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी शरीर को समय से पहले कंकाल बना सकती है और यही वजह है कि इसे साइलेंट किलर के रूप में जाने जाने लगा है, इसलिए काहने में नीचे बताई चीजें शामिल करें। शरीर को...

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आयरन और प्रोटीन की तरह विटामिन बी12 भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी शरीर को समय से पहले कंकाल बना सकती है और यही वजह है कि इसे साइलेंट किलर के रूप में जाने जाने लगा है, इसलिए काहने में नीचे बताई चीजें शामिल करें।

शरीर को स्वस्थ रखने और उसके बेहतर कामकाज के लिए आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की तरह विटामिन बी12 की भी सख्त जरूरत होती है। इसकी कमी के बिना शरीर कमजोर और बीमार हो सकता है। भारत में रुषों और महिलाओं दोनों में विटामिन बी12 की कमी एक साइलेंट महामारी के रूप में उभर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने और रहन-सहन से जुड़ी खराब आदतें हैं।

विटामिन बी12 क्या है? विटामिन बी12 को कोबालामिन भी कहा जाता है। यह रेड ब्लड सेल्स बनाने, डीएनए बनाने और न्यूरोलॉजिकल हेल्थ के लिए जरूरी है। इसकी कमी से कई प्रकार के लक्षण और स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमें हल्की थकान और कमजोरी से लेकर गंभीर तंत्रिका संबंधी विकार और एनीमिया तक शामिल हैं।

विटामिन बी12 की कमी के कारण शरीर में कई संकेत और लक्षण महसूस हो सकते हैं जिनमें थकान, कमजोरी, सुन्नता, झुनझुनी संवेदनाएं और संज्ञानात्मक कठिनाइयां शामिल हैं। इन्हें गलती से अन्य विकारों का लक्षण समझ लिया जाता है, जिससे निदान और उपचार में देरी हो जाती है।

न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, खाने में विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने से आपको इसकी कमी से बचने में मदद मिल सकती है। इसके लिए अपने खाने में चिकन, मटन, मछली, अंडे, बीन्स, दाल, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, फल और सब्जियां शामिल करें।

अगर खाने-पीने से आपकी विटामिन बी12 की कमी पूरी नहीं हो रही है, तो आप डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। आमतौर पर सप्लीमेंट्स की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जो पेट या आंतों से जुड़े विकारों का सामना कर रहे होते हैं।

अगर आपको लगता है कि आप विटामिन बी 12 की कमी के जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं, तो आपको नियमित रूप से स्क्रीनिंग और टेस्ट पर विचार करना चाहिए। खासकर बुजुर्ग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार वाले लोग आदि इसकी जांच कराते रहें।

सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों के जरिए विटामिन बी12 की कमी के लक्षणों, जोखिम कारकों और परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। इससे इससे पहचानने और इसकी जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।

प्रभावित व्यक्तियों के लिए समय पर निदान और उचित उपचार की सुविधा के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को बी12 की कमी को पहचानने और प्रबंधित करने पर निरंतर शिक्षा की आवश्यकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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नसों में जम रहे गंदे कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर निकालने के लिए आप गर्म दूध में ये खास बीज मिलाकर पी सकते हैं https://satyamevjayatenews.in/2024/02/26/%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/26/%e0%a4%a8%e0%a4%b8%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a1-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d/#respond Mon, 26 Feb 2024 04:19:38 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=5004 गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल लोग कई गंभीर बीमारियों से घिरे हुए हैं। इन्हीं में से एक हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी है। दरअसल, शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं – गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)। गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर को स्वस्थ रखने के...

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गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल लोग कई गंभीर बीमारियों से घिरे हुए हैं। इन्हीं में से एक हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी है। दरअसल, शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं – गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)। गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है। वहीं, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर यह धमनियों में जमने लगता है और ब्लॉकेज के कारण बन सकता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक को कोरोनरी हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, दवाइयों और सही खानपान की मदद से हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से भी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है। आज इस लेख में हम आपको ऐसा ही एक आसान घरेलू नुस्खा बता रहे हैं, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। तो चलिए, जानते हैं।

शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए आप एक गिलास गर्म दूध में चिया सीड्स मिलाकर पी सकते हैं। जी हां, चिया सीड्स में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो धमनियों में चिपके गंदे कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो धमनियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। दूध और चिया सीड्स का सेवन करने से ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, ये शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल की बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप एक गिलास गर्म दूध लें। इसमें चिया सीड्स मिलाएं और कुछ देर भिगोकर छोड़ दें। इसके बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। दूध और चिया सीड्स का सेवन आप सुबह खाली पेट या रात के समय कर सकते हैं। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल तो कम होगा ही, साथ ही वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए आप दूध में चिया सीड्स मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी समस्या अधिक बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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5 तरीकों से करें विटामिन-डी की कमी को दूर https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/5-ways-to-get-vitamin-d/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/5-ways-to-get-vitamin-d/#respond Sat, 24 Feb 2024 11:42:41 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4998 सर्दी के दिनों में विटामिन-डी के स्तर को बैलेंस रखना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। लेख में जानें सर्दियों में विटामिन डी की कमी से बचाव के आसान और असरदार तरीके। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर को अलग-अलग विटामिन की जरूरत होती है, जिसमें से एक...

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सर्दी के दिनों में विटामिन-डी के स्तर को बैलेंस रखना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन ये नामुमकिन नहीं है। लेख में जानें सर्दियों में विटामिन डी की कमी से बचाव के आसान और असरदार तरीके।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर को अलग-अलग विटामिन की जरूरत होती है, जिसमें से एक है विटामिन-डी। शरीर में इसकी पूर्ति मुख्य रूप से धूप सेकने से होती है। इसलिए इसे सनशाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, सर्दी के दिनों में धूप कम निकलने के कारण शरीर में इसका लेवल मेंटेन करना मुश्किल होता है।

शरीर में विटामिन-डी कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन कर हड्डी, दांतों व मसल्स को हेल्दी रखने में मदद करता है। यही नहीं मूड को बेहतर करने में भी सहायक भूमिका निभाता है।

शरीर में विटामिन-डी की कमी होने से फ्रैक्चर, कमजोर इम्यूनिटी, हेयर फॉल, एंग्जायटी, डिप्रेशन आदि का जोखिम अधिक होता है। इसलिए सर्दियों में विटामिन-डी की कमी न हो पाएं, इसके लिए यहां बताए गए उपायों को जरूर फॉलो करें।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार फैटी फिश के तौर पर सैल्मन व मैकरेल फिश को आहार में शामिल कर सकते हैं। ये दोनों ही विटामिन-डी से भरपूर होती हैं। हफ्ते में दो दिन इनका सेवन जरूर करें। इससे विटामिन-डी की कमी से बचाव किया जा सकता है

प्राकृतिक रूप से विटामिन-डी हासिल करने के लिए मशरूम का सेवन करना एक बेहतर विकल्प माना जाता है। यही वजह है एक्सपर्ट्स सर्दी के दिनों में मशरूम का इनटेक बढ़ाने की सलाह देते हैं।विटामिन-डी की कमी को दूर करने के लिए ऐसे फूड प्रोडक्ट्स का चुनाव करें जो विटामिन-डी फोर्टिफाइड हों। जैसे फोर्टिफाइड दूध, ऑरेंज जूस, ब्रेकफास्ट सीरियल्स आदि। किसी भी फूड प्रोडक्ट्स को खरीदते समय एक बार लेबल जरूर चेक करें।

यदि शरीर में विटामिन-डी का स्तर काफी कम है, तो हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं। खासकर बुजुर्गों व शाकाहारी लोगों को इसका खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसके लिए साल में एक बार विटामिन-डी लेवल की जांच जरूर कराएं।

अंत में हम यही सलाह देंगे कि ऐसा नहीं है कि विंटर सीजन में बिल्कुल धूप न होती हो। इसलिए जिस दिन धूप निकले, उस दिन सुबह के समय सूरज की रोशनी में कुछ समय जरूर बिताएं।

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जड़, तना फूल, पत्ती और छाल तक तमाम बीमारियों में कारगर … https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/root-stem-flower-leaf-and-bark-to/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/root-stem-flower-leaf-and-bark-to/#respond Sat, 24 Feb 2024 11:36:52 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4991 हमारे आसपास कई ऐसे पौधे हैं, जिनके लाभ बताने लगें तो शायद दिन कम पड़ जाए. इन पौधों के फल ही नहीं, जड़, तना फूल, पत्ती और छाल तक तमाम बीमारियों में कारगर हैं. यही वजह है कि ऐसे पौधों का उपयोग आयुर्वेद वर्षों से कर रहा है. यही नहीं,...

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हमारे आसपास कई ऐसे पौधे हैं, जिनके लाभ बताने लगें तो शायद दिन कम पड़ जाए. इन पौधों के फल ही नहीं, जड़, तना फूल, पत्ती और छाल तक तमाम बीमारियों में कारगर हैं. यही वजह है कि ऐसे पौधों का उपयोग आयुर्वेद वर्षों से कर रहा है. यही नहीं, इनके लाभ को आज के विज्ञान ने भी माना है. ऐसा ही एक पौधा है, जिसको गूलर का पेड़ कहा जाता है. कई जगह इसको ऊमर का पेड़ भी कहा जाता है. यह पेड़ तमाम बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है. यही वजह है कि इसको दवाओं का कॉम्बो पैक कहा जाता है. इस पेड़ के फल गूलर को बिना फोड़े ही खाया जाता है. कहा जाता है कि, गूलर को फोड़कर खाने से इसमें हवा लगते ही कीड़े पड़ जाते हैं.

अंजीर की तरह दिखने वाले गूलर को खाने से शरीर को ताकत मिलती है, और बुढ़ापा थम से जाता है. इसकी छाल को जलाकर राख को कंजी के तेल के साथ पाइल्स के उपचार में प्रयोग करते हैं. इस पौधे के दूध का प्रयोग चर्म रोगों में रामबाण माना जाता है. इसके कच्चे फल मधुमेह को समाप्त करने की ताकत रखते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं गूलर के कई अन्य लाभ के बारे में-

पेट दर्द: आयुर्वेदाचार्य डॉ. सर्वेश के मुताबिक, पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर गूलर के फलों का सेवन किया जा सकता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व परेशानी को खत्म कर सेहत को लाभ पहुंचाते हैं. यही वजह है कि गूलर को खाने की सलाह दी जाती है.डायबिटीज की समस्या में भी गूगर बेहद उपयोगी माना जाता है. इस बीमारी से निजात पाने के लिए इस पेड़ के छिलकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए गूलर के छिलकों के पाउडर में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम 6-6 ग्राम खाने से डायबिटीज कंट्रोल होती है.

गूलर का पेड़ घाव ठीक करने में भी उपयोगी माना जाता है. इसके लिए आपको गूलर के दूध का इस्तेमाल करना है. आपको इसके लिए रुई में गूलर का दूध लेकर घाव पर लगाना है. ऐसा करने से कुछ ही दिन में जख्म भर सकता है.

डायबिटीज की समस्या में भी गूगर बेहद उपयोगी माना जाता है. इस बीमारी से निजात पाने के लिए इस पेड़ के छिलकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए गूलर के छिलकों के पाउडर में मिश्री मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम 6-6 ग्राम खाने से डायबिटीज कंट्रोल होती है.

कई लोगों को नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है. यह समस्या होने पर नाक से खून आने लगता है. इस परेशानी से निजात पाने के लिए आप की गूलर की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए 20-25 ग्राम गूलर की छाल को पानी में पीसकर तालु पर लगाना है. ऐसा करने से नाक से खून आने वाला खून रुक जाता है.

कमज़ोरी: किसी भी वजह से अगर आपके शरीर में कमज़ोरी महसूस होती हो तो आप इसके लिए गूलर के फल की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आप गूलर के सूखे फल को पीस कर पाउडर बना लें और इसका दस ग्राम की मात्रा में सेवन करें. ऐसा करने से हड्डियों को मजबूती मिलती है. साथ ही शरीर हमेशा यंग रहता है.

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फौरन पीना शुरू कर दें ये होममेड जूस, सेब-टमाटर की तरह लाल हो जाएंगे गाल https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/start-drinking-immediately-let-this-happen/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/start-drinking-immediately-let-this-happen/#respond Sat, 24 Feb 2024 11:20:31 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4972 आजकल बढ़ती उम्र का असर हमारे चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं. इससे निजात पाने के लिए आप एक होममेड जूस का सेवन कर सकते हैं. चेहरे पर नेचुरल ग्लो हर किसी चाहत होती है. लेकिन, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते...

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आजकल बढ़ती उम्र का असर हमारे चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं. इससे निजात पाने के लिए आप एक होममेड जूस का सेवन कर सकते हैं. चेहरे पर नेचुरल ग्लो हर किसी चाहत होती है. लेकिन, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं. उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे चेहरे की रंगत भी खोने लगती है. साथ ही, जहां हमारी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, वहीं इस जूस को नियमित पीने से बेदाग, खिली-खिली त्वचा, टमाटर जैसे लाल-लाल गाल खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे. आइए जानते हैं इस खास जूस के बारे में :

जूस के लिए सामग्री: बेदाग और चमकदार स्किन पाने के लिए 6 चीजों से तैयार होने वाला जूस बनाना है. इस जूस को बनाने के लिए आपको आधा कप चुकंदर, आधा कप गाजर, 1 सेब, आधा इंच हल्दी, 1 आंवला और 1 कप अनार दाना लेना है.

चुकंदर: चुकंदर में कई सारे न्यूट्रिशन पाए जाते हैं. इसमें मौजूद फोलेट स्किन सेल्स को बढ़ाता है. विटामिन सी बढ़ती उम्र के असर को कम करता है, झुर्रियां दूर करता है.

गाजर: डाइटिशियन की मानें तो गाजर में मौजूद बीटा कैरोटीन त्वचा की यूवी किरणों से होने वाली डैमेजिंग से बचाता है. इसका जूस चेहरे पर कसावट लाने का काम करता है.

सेब: सेब एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो सेल्स और टिश्यू डैमेज को रोकता है. इसे जूस में शामिल करने से त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन को बढ़ावा मिलता हैं जिससे आप यंग नजर आते हैं. इसके अलावा विटामिन ए, बी कॉम्प्लेक्स और सी स्किन टेक्सचर को सुधारने का काम करते हैं.

कच्ची हल्दी: हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व सूजन को कम करता है. त्वचा पर लगाने या खानपान में शामिल करने से मुंहासों और दाग-धब्बों की समस्या दूर होती है. सबसे जरूरी नेचुरल ग्लो मिलता है.

आंवला: आंवला विटामिन सी का खजाना होता है. जो बढ़ती उम्र में भी आपको जवां बनाए रखता है. आंवले से खून साफ होता है जिससे चेहरे पर दाग-धब्बे, पिंपल्स की समस्या नहीं होती. साथ ही फ्री रेडिकल्स से भी बचाता है.

अनार: अनार में पानी की मात्रा होती है जिससे ये आपकी बॉडी को हाइड्रेट रखता है. साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट का भी अच्छा स्रोत है, जो यूवी किरणों से होने वाली डैमेजिंग और ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करने में मदद करता है.

ऐसे बनाएं जूस: चेहरे पर चमक लाने वाला जूस बनाने के लिए ब्लेंडर में चुकंदर, गाजर, सेब, आंवला, हल्दी और अनार को थोड़ा पानी डालकर अच्छी तरह से पीस लें. आप चाहें तो इसमें चुकंदर को हल्का उबालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके बाद स्वादानुसार इसमें नींबू का रस मिलाएं और अब इसे छान लें. ऊपर से पुदीने की पत्तियों से गार्निश करके पी सकते हैं.

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शीशे की तरफ साफ कर देंगे बाबा रामदेव के 6 नुस्खे https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/they-will-clean-the-side-of-the-glass/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/they-will-clean-the-side-of-the-glass/#respond Sat, 24 Feb 2024 08:49:41 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4923 फेफड़े वैसे तो अपनी सफाई खुद कर लेते हैं लेकिन कई बार गंदगी इतनी भर जाती है कि उन्हें डिटॉक्स करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए आप कई तरह के टेक्निक इस्तेमाल कर सकते हैं। फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के तरीके बढ़ते प्रदूषण, स्मोकिंग और विभिन्न संक्रमण...

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फेफड़े वैसे तो अपनी सफाई खुद कर लेते हैं लेकिन कई बार गंदगी इतनी भर जाती है कि उन्हें डिटॉक्स करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए आप कई तरह के टेक्निक इस्तेमाल कर सकते हैं।

फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के तरीके
बढ़ते प्रदूषण, स्मोकिंग और विभिन्न संक्रमण की वजह से फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से हैं साल दुनिया भर में 4.2 मिलियन मौतें होती हैं। योग गुरु बाबा रामदेव आपको फेफड़ों को मजबूत बनाने के तरीके बता रहे हैं।

लंबी सांस लें
बाबा रामदेव ने बताया कि फेफड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए आपको लंबी सांस लेने का अभ्यास करना चाहिए। ऐसा करने से वायुमार्ग खुलते हैं और शरीर से विषैले तत्व घटते हैं।

गुब्बारा फुलाना भी है बढ़िया उपाय
फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए एक सबसे आसान और असरदार तरीका गुब्बारे फूलाना है। गुब्बारे में मुंह से हवा भरने से फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है, जिससे सांस मजबूत बनती है।

शंख बजाएं
फेफड़ों को मजबूत बनाने का दूसरा बढ़िया तरीका यह है कि आप रोजाना सुबह शंख बजा सकते हैं। शंख बजाने में जो ताकत लगती है उससे फेफड़ों को मजबूती मिलती है।

जॉगिंग करें
फेफड़ों की गंदगी दूर करके उन्हें मजबूत बनाने के लिए आप खड़े होकर जॉगिंग करने का अभ्यास कर सकते हैं। इसके लिए हाथ पैरों को खड़े होकर उछलते हुए हाथ-पैरों को आगे पीछे ले जाने की कोशिश करें।

अदरक और लहसुन का पेस्ट
अदरक, लहसुन, प्याज को मिलाकर पेट बना लें और इसे अपनी छाती पर अच्छी तरह लगा लें। इसके सूखने के बाद इस पर पट्टी लपेट लें। इससे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को मजबूती मिलती है और फेफड़ों के कामकाज में सुधार होता है।

स्पाइरोमीटर का इस्तेमाल करें
स्पाइरोमीटर एक उपकरण है जो आपके द्वारा सांस लेने और छोड़ने में सक्षम हवा की मात्रा को मापता है। यह गहरी सांस लेने के बाद पूरी तरह सांस छोड़ने में लगने वाले समय को भी ट्रैक करता है। बाबा रामदेव रोजाना इसके इस्तेमाल की सलाह देते हैं।

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हार्ट अटैक के बाद श्रेयस तलपड़े की हुई Angioplasty https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/heart-attack-after-shreyas-ta/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/heart-attack-after-shreyas-ta/#respond Sat, 24 Feb 2024 08:41:26 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4918   हार्ट अटैक के बाद एक्टर श्रेयस तलपड़े की सफल एंजियोप्लास्टी की खबर आई है. हार्ट अटैक के बाद हार्ट आर्टरीज के ब्लॉकेज को ओपन करने के लिए एंजियोप्लास्टी की जाती है. बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े (Shreyas Talpade) को हाल ही में हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था जिसके बाद...

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हार्ट अटैक के बाद एक्टर श्रेयस तलपड़े की सफल एंजियोप्लास्टी की खबर आई है. हार्ट अटैक के बाद हार्ट आर्टरीज के ब्लॉकेज को ओपन करने के लिए एंजियोप्लास्टी की जाती है.

बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े (Shreyas Talpade) को हाल ही में हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था जिसके बाद डॉक्टरों ने उनकी एंजियोप्लास्टी की है. आपको बता दें कि हाल ही में एक फिल्म की शूटिंग से घर लौटे श्रेयस तलपड़े को घर पर ही हार्ट अटैक आ गया था जिसके बाद उनके फैंस काफी परेशान हो गए थे. अस्पताल पहुंचाए जाने पर एक्टर की एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की गई और ये सर्जरी सफल रही है. आइए आपको बताते हैं कि हार्ट अटैक के बाद एंजियोप्लास्टी क्यों की जाती है और इस सर्जरी में कितना खर्च आता है.

एंजियोप्लास्टी दरअसल ऐसी मेडिकल सर्जरी है जो हार्ट अटैक के कारण ब्लॉक हुई कोरोनरी आर्टरीज को खोलने के लिए की जाती है. इस प्रोसेस में ओपन हार्ट सर्जरी के बिना ही हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को फिर से सुचारू किया जाता है. डॉक्टरी भाषा में एजियोप्लास्टी को परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) भी कहा जाता है और आमतौर पर हार्ट अटैक के बाद एमरजेंसी स्थिति में इस सर्जरी को किया जाता है. इसके अलावा दिल के मरीज़ की स्थिति को देखते हुए उनके डॉक्टर भी इसकी समय आने पर सलाह दे सकते हैं. एंजियोप्लास्टी में कैथेटर को ब्लड वैसल में डाला जाता है और उसके जरिए ब्लॉक आर्टरी को खोलने की कोशिश की जाती है. कैथेटर के अंदरूनी सिरे पर एक गुब्बारा होता है और कैथेटर के ब्लड वैसल में जाने के बाद उसको फुलाया जाता है जिससे उसके प्रेशर से ब्लड क्लॉट या प्लैक साफ होता है और ब्लड सर्कुलेशन फिर से बहाल हो जाता है.

एंजियोप्लास्टी की प्रोसेस और इसमें पड़ने वाले स्टेंट की कीमत हर देश में अलग अलग निर्धारित की गई है. भारत में मरीज के ह्रदय में पड़ने वाले स्टेंट की कीमत 10 से 20 हजार के बीच होती है. आमतौर पर स्टेंट के खर्चे भी हर अस्पताल में अलग अलग होते हैं. सरकारी अस्पताल में स्टेंट की कीमत भले ही कम हो लेकिन इसे लगाने का खर्च ही काफी हो जाता है. वहीं अगर निजी अस्पतालों की बात करें तो पूरी एंजियो प्लास्टी का खर्च 2 से 3 लाख के बीच आता है. हालांकि भारत सरकार ने देश भर में स्टेंट की कीमत तय कर दी है लेकिन इसके बावजूद इसकी कीमत अलग अलग रखी जा रही है.

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विटामिन बी12 हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी हद तक मददगार https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/vitamin-b12-water-soluble/ https://satyamevjayatenews.in/2024/02/24/vitamin-b12-water-soluble/#respond Sat, 24 Feb 2024 08:07:20 +0000 https://satyamevjayatenews.in/?p=4884 विटामिन बी12 पानी में घुलनशील विटामिन की श्रेणी में आता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी हद तक मददगार साबित हो सकता है। इसकी मदद से तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह डीएनए, आरएनए उत्पादन और शरीर में फोलेट और...

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विटामिन बी12 पानी में घुलनशील विटामिन की श्रेणी में आता है। यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में काफी हद तक मददगार साबित हो सकता है। इसकी मदद से तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह डीएनए, आरएनए उत्पादन और शरीर में फोलेट और आयरन के कार्यों को बेहतर करने में मददगार हो सकता है। इतना ही नहीं, हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए विटामिन बी12 बेहद जरूरी होता है। शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जिसमें थकान, सांस लेने में तकलीफ और हाथ-पैरों में सुन्नता शामिल हैं। विटामिन बी12 की कमी को दूर करने के लिए आप अपने आहार में कई तरह की चीजों को शामिल कर सकते हैं, जिसमें कुछ फल भी शामिल है।

आइए जानते हैं किन फलों के सेवन से विटामिन बी12 की कमी को दूर किया जा सकता है?

शरीर में विटामिन बी12 की कमी को दूर करने के लिए आप सेब का सेवन कर सकते हैं। सेब न सिर्फ फाइबर का काफी अच्छा स्त्रोत होता है, बल्कि इसके सेवन से आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा सेब में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं।

केला खाने से शरीर में विटामिन बी12 की कमी को दूर किया जा सकता है। यह काफी हेल्दी होता है। इसमें पोटैशिमयम, जिंक के साथ-साथ विटामिन बी12 से भी भरपूर होता है। विटामिन बी12 की पूर्ति के लिए आप केले के सेवन कई तरह से कर सकते हैं, जैसे- सादा केला, केले के साथ ओट्स, केला दूध इत्यादि।

ब्लूबेरी में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर रूप से होता है। इसके अलावा यह विटामिन बी12 से भी भरपूर होता है। अगर आप मांस-मछलियों से दूर रहना चाहते हैं, तो अपने खानपान में ब्लूबेरी को जरूर शामिल करें। इससे विटामिन बी12 की कमी को दूर किया जा सकता है।

विटामिन बी12 की पूर्ति के लिए संतरा खाना भी हेल्दी हो सकता है। इसमें विटामिन बी12 की प्रचुरता होती है। साथ ही यह विटामिन सी का भी काफी अच्छा स्त्रोत हो सकता है। अगर आप शरीर में विटामिन बी12 की कमी को दूर करना चाहते हैं, तो संतरे का सेवन जरूर करें। इससे काफी हद तक इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।

गर्मियों के सीजन में मिलने वाला आम आपके शरीर के लिए काफी ज्यादा हेल्दी होता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही यह शरीर में विटामिन बी12 की कमी को दूर किया जा सकता है।

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