नई दिल्ली : किसानों के मुद्दे पर बातचीत के दौरान, सरकार ने किसानों की मांगों को सुना और उनके समस्याओं का हल निकालने की कड़ी मेहनत करने का आश्वासन दिया। दोनों पक्षों ने विशेषज्ञों की सलाह ली और एक साझा रणनीति तैयार की जिससे किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके। इस बार की वार्ता में दोनों पक्षों ने साथ मिलकर किसानों के हित में काम करने का आश्वासन दिया।
केंद्र सरकार लगातार इस कवायद में है कि किसानों के आंदोलन को समाप्त कराया जा सके। किसान संगठनों के साथ दो राउंड मीटिंग भी हुई पर बात नहीं बनी। इस बीच राजनाथ सिंह और अर्जुन मुंडा समेत कई केंद्रीय मंत्रियों की दिल्ली में मीटिंग हुई। इस बीच किसानों के गुरुवार को फिर सरकार वार्ता की तैयारी कर रही। जानिए लेटेस्ट अपडेट।
राजनाथ सिंह और अर्जुन मुंडा समेत वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों के विरोध प्रदर्शन और मुद्दों के समाधान के तरीकों पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि मंत्री मुंडा के साथ किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। मुंडा भी उन मंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने किसान ग्रुप्स के साथ वार्ता की थी। बैठक के बारे में डिटेल्स का तुरंत पता नहीं चल सका है। जानकारी मिल रही कि किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार को भी एक बैठक होगी। दोनों पक्षों के बीच ये तीसरे दौर की वार्ता होगी।
किसानों से मिलेंगे तीन केंद्रीय मंत्री
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शाम पांच बजे केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ बैठक होगी। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को लेकर किसान नेताओं और केंद्र के बीच यह तीसरे दौर की बैठक होगी। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच दो बैठकें बेनतीजा रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा अपनी विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
किसानों के दिल्ली मार्च से हड़कंप
हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर पंजाब के किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे। हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी सीमा पर भी इसी तरह का गतिरोध था, जहां हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगाकर किसानों को अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिये दिल्ली जाने से रोक दिया था। मुंडा ने मंगलवार को बताया कि एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून सभी हितधारकों से विचार-विमर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ रचनात्मक चर्चा करने की अपील की थी।
किसानों को मनाने की कोशिश में सरकार
बीजेपी सूत्रों ने आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की एक प्रमुख सिफारिश को लागू करने का वादा करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2010 में लाभकारी कीमतों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को खारिज कर दिया था। बीजेपी सूत्रों ने आरोप लगाया कि इसी कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में रहते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया था। सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन कृषि राज्य मंत्री केवी थॉमस ने 16 अप्रैल 2010 को राज्यसभा में बीजेपी सदस्य प्रकाश जावड़ेकर की ओर से पूछे गए एक प्रश्न का लिखित उत्तर दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया कि एमएसपी उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 50 फीसदी अधिक होना चाहिए।